The Basic Principles Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए



हमें देख शीतल हो जाए सत्य नाम आदेश गुरु की सत गुरु सैट कबीर

पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ाने के लिए वशीकरण मंत्रों का उपयोग प्राचीन परंपराओं में सुझाया गया है। ये मंत्र सकारात्मक ऊर्जा और आपसी समझ बढ़ाने के लिए होते हैं।

विधि: मंत्र सिद्धि के लिए, किसी भी ग्रहणकाल के दौरान एक मिट्टी का चौमुखा दीपक और चार लौंग लेकर किसी पवित्र स्थान पर बैठें। दीपक में चमेली का तेल डालें और चार बत्तियों को तेल में भिगोकर जलाएं। दीपक को इस प्रकार रखें कि प्रत्येक बत्ती का मुँह अलग-अलग चार दिशाओं की ओर हो। प्रत्येक बत्ती के पास एक लौंग रखें। ग्रहण के आरंभ से लेकर उसके समाप्त होने तक मंत्र का निरंतर जाप करें।

हाँ, वशीकरण मंत्रों का उपयोग प्रेम सम्बन्धों में सहायक हो सकता है। इन मंत्रों का उच्चारण करके आप अपने प्रेमी या प्रेमिका के मन को प्रभावित कर सकते हैं और उनके प्रति आकर्षण बढ़ा सकते हैं। यह प्रेम सम्बन्धों को मजबूत और स्थिर बनाने में सहायता कर सकता है।

वशीकरण एक प्राचीन आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो भारतीय परंपराओं में जानी जाती है। यह एक रहस्यमयी कला है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति के मन और भावनाओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए किया जाता है। संस्कृत में, “वशी” का अर्थ है “आकर्षित करना या नियंत्रण करना” और “करण” का अर्थ है “विधि”। इसे मुख्यतः रिश्तों को सुधारने, खोए हुए प्रेम को वापस पाने और जीवन की कठिनाइयों को हल करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

यह मंत्र देवी कामाख्या की शक्ति का आह्वान करता है, ताकि किसी खास व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके।

ध्यान और शुद्धि: मंत्र का उच्चारण करने से पहले, आपको मन को शांत करना चाहिए। ध्यान या मेधावी आवस्था में प्रवेश करने के लिए ध्यान करें। अपने शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए स्नान और पवित्रता का अनुसरण करें।

ध्यान और एकाग्रता: शांत मन और ध्यान से वशीकरण की प्रक्रिया को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है।

विधि: किसी भी शनिवार या रविवार के दिन रात में नरसिंह भगवान का पूजन गूगल जलाकर घृत, शक्कर, पान-सुपारी अर्पित कर एक हजार आठ बार मन्त्र जप कर जप का दशांश होम करें। मन्त्र सिद्ध हो जाने पर रूई में चंदन और अपामार्ग को मिलाकर बत्ती बनाकर काजल तैयार करें। उस काजल को सात बार अभिमन्त्रित कर आँखों में लगाने से सभी लोग साधक पर मोहित होते हैं।

ॐ क्लीं ह्रीं श्रीं ठः ठः (अमुका) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा॥

आपका प्रेमी आपको पन्ना रत्न देता है तो ये आपके लिए शुभ संकेत है. इससे आपके read more बीच रिश्ता मधुर बनता है.

बार बार इसका प्रयोग न करे और जिस व्यक्ति के लिए किया है उसके अलावा किसी और के लिए इसे काम में न ले.

विधि: किसी भी सोमवार को, चार लौंग को पान के पत्ते में लपेटकर अपने मुँह में रखें। इसके बाद, किसी नदी या सरोवर में स्नान करते हुए डुबकी लगाएँ। डुबकी के दौरान, इस मंत्र का इक्कीस बार जाप करें। फिर पानी से बाहर निकलकर मुँह में रखी हुई लौंग को निकालें और उसे धूप दिखाएं। यह लौंग जिसे भी खिला दी जाएगी, वह व्यक्ति साधक के प्रभाव में आ जाएगा।

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